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Digital Arrest Fraud की सरकार ने लगाई क्लास, 17000 से ज्यादा Whatsapp Account किए ब्लॉक

Digital Arrest Fraud: सरकार ने 17,000 से ज़्यादा WhatsApp अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया है और डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के खिलाफ़ महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय (MHA) के साइबर धोखाधड़ी नियंत्रण प्रभाग I4C ने इस कार्रवाई का आदेश दिया। इनमें से ज़्यादातर WhatsApp नंबर थाईलैंड, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया से आए थे। WhatsApp के ज़रिए विदेशी नंबरों का इस्तेमाल करके लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा था और उनके साथ बड़ी ठगी की जा रही थी।

Digital arrest fraud
Digital arrest fraud

I4C के निर्देशों का पालन

डिजिटल अरेस्ट की वजह से हाल के महीनों में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। साइबर क्राइम साइट पर डिजिटल अरेस्ट के आरोपों के आधार पर गृह मंत्रालय के साइबर धोखाधड़ी समन्वय केंद्र (I4C) ने यह कार्रवाई करने का आदेश दिया है। I4C ने अनुरोध किया कि शिकायत मिलने के बाद मेटा के माइक्रोब्लॉगिंग ऐप WhatsApp इन अकाउंट के खिलाफ़ कार्रवाई करे।

क्या है Digital Arrest?

यह एक नए तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें धोखेबाज पहले सीबीआई, ईडी, आयकर (CBI, ED, Income Tax) अधिकारी या किसी बड़े संगठन के अन्य अधिकारी होने का दिखावा करके पीड़ितों को डराते हैं और फिर उन्हें ठग लेते हैं। धोखेबाज सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके लोगों को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि कॉल करने वाला व्यक्ति वास्तव में पुलिस अधिकारी है। अपनी प्रतिष्ठा की चिंता में कई लोग इन धोखेबाजों के खातों में पैसे भेजते हैं।

92,000 से अधिक मामले आए सामने

सरकार (Government) का दावा है कि धोखेबाज डिजिटल गिरफ्तारी का इस्तेमाल करके प्रतिदिन 6 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चोरी कर रहे हैं। पिछले दस महीनों में डिजिटल गिरफ्तारी से जुड़े साइबर धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। शोध का दावा है कि पिछले दस से एक साल में धोखेबाजों ने लोगों से 2,140 करोड़ रुपये ठगे हैं। जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच डिजिटल गिरफ्तारी के 92,334 मामले दर्ज किए गए।

सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भी डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) के ज़रिए होने वाली धोखाधड़ी का मुद्दा उठाया। गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है। आप इस नंबर पर कॉल करके साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं।

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