जानिए, क्या है Elon Musk की Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी…
Direct-to-Cell: भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत होने वाली है। एलन मस्क ने पहले एक नई तरह की Direct-to-Cell तकनीक का अनावरण किया था। यह तकनीक उपयोगकर्ता के मोबाइल डिवाइस और सैटेलाइट (Devices and Satellites) के बीच सीधा कनेक्शन प्रदान करेगी। इसके लिए उपयोगकर्ताओं को किसी विशेष सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होगी।
बिना सिम कार्ड के, उपयोगकर्ता कॉल करने और टेक्स्ट भेजने के लिए इस तकनीक का उपयोग कर सकेंगे। अपनी निचली कक्षा के साथ, यह स्टारलिंक सैटेलाइट उपभोक्ताओं को बहुत कम विलंबता के साथ बहुत तेज़ इंटरनेट एक्सेस (Internet Access) प्रदान करता है, जो इसे अन्य इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से अलग करता है। इसके अतिरिक्त, यह ग्राहकों को बेहतर कनेक्शन प्रदान करता है।
https://twitter.com/Starlink/status/1857491897255866783
क्या है Direct-to-Cell तकनीक?
वास्तव में, यह एक अत्याधुनिक सैटेलाइट संचार (Satellite Communications) प्रणाली है। यह उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन से सैटेलाइट कनेक्शन स्थापित करता है। इस तकनीक की अनूठी विशेषता यह है कि इसके लिए किसी विशेष मोबाइल फोन हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, फोन को स्थलीय डिवाइस या रिसीवर की आवश्यकता नहीं होती है। उपयोगकर्ताओं के लिए डायरेक्ट फोन-टू-सैटेलाइट कनेक्शन संभव होगा। फिलहाल, यह तकनीक परीक्षण कॉल और टेक्स्ट की अनुमति देती है। आप जल्द ही इसकी इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे।
Direct-to-Cell तकनीक से क्या होगा बदलाव?
Direct-to-Cell तकनीक की शुरुआत से लाखों मोबाइल डिवाइस को सैटेलाइट से जोड़ने में आसानी होगी। यह रिमोट मॉनिटरिंग, कृषि और लॉजिस्टिक्स के लिए बहुत फायदेमंद होगा। उपयोगकर्ता सैटेलाइट इंटरनेट (Satellite Internet) से जुड़ने के लिए नियमित सेलफोन का उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा, इसे आपातकालीन स्थिति में बिना नेटवर्क वाले स्थानों से भी जोड़ा जा सकता है।
मस्क Telecom Operators के साथ करेंगे काम
इसके लिए, एलन मस्क की Starlink ने कई देशों के टेलीकॉम प्रदाताओं के साथ मिलकर काम किया है। उपयोगकर्ता अगले कुछ महीनों में Direct-to-Cell Internet connectivity का उपयोग कर सकेंगे। उपयोगकर्ता इसका उपयोग करके 250-350 एमबीपीएस पर इंटरनेट का उपयोग भी कर सकेंगे।